वो एक तेरा वादा कि हम कभी जुदा ना होंगे।
वो किस्सा हम अपने दिल को सुनाकर अक्सर मुस्कुराते है।
जमाने की नज़र में अकड़ के चलना सीख ले दोस्त...
मोम का दिल ले कर चलेगा तो लोग जलाते रहेंगे।
उसकी ज़िंदगी में मेरी जगह बादल के एक टुकड़े बराबर भी नहीं
जिसके नाम मैंने अपना सारा आकाश कर दिया
खोने की दहशत और पाने की चाहत न होती ,
तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती ......
मरहम न सही एक ज़ख्म ही दे दो..
महसूस तो हो के कोई हमें भूला नहीं...!
No comments:
Post a Comment