Thursday, 6 December 2018

थोड़ा सा खसारा:

[12/2, 7:49 AM] Bansi Lal: थोड़ा सा ज़िंदगी का ख़सारा ज़रूर है

पर ग़म ने दिल का रंग निखारा ज़रूर है
[12/2, 8:00 AM] Bansi Lal: ना राज़ है, ज़िन्दगी ना नाराज़ है, ज़िन्दगी

बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी....
[12/2, 8:06 AM] Bansi Lal: सुकून कुछ तो मिला दिल का माजरा लिख कर

लिफ़ाफ़ा फाड़ दिया फिर तेरा पता लिख कर
[12/2, 1:39 PM] Bansi Lal: शोर यूँही न परिंदों ने मचाया होगा

कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा

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