Monday, 17 December 2018

गीता हूँ:

[12/7, 7:43 AM] Bansi Lal: गीता हूँ कुरआन हूँ मैं
मुझको पढ़ इंसान हूँ मैं।

ज़िन्दा हूँ सच बोल के भी
देख के ख़ुद हैरान हूँ मैं।

इतनी मुश्किल दुनिया में
क्यूँ इतना आसान हूँ मैं।

खूब हूँ वाकिफ़ दुनिया से
बस खुद से अनजान हूँ मैं।
🌺🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌺
[12/7, 2:24 PM] Bansi Lal: जिस तरह लोग ख़सारे में बहुत सोचते हैं

आज कल हम तेरे बारे में बहुत सोचते हैं

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