[12/15, 8:23 PM] Bansi Lal: कौन-सी बात कहाँ, कैसे कही जाती है
ये सलीक़ा हो, तो हर बात सुनी जाती है,
पूछना है तो ग़ज़ल वालों से पूछो जाकर
कैसे हर बात सलीक़े से कही जाती है...
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[12/15, 8:30 PM] Bansi Lal: बहुत करीब से अंजान बन के गुज़रे है वो......!!
जो बहुत दूर से, पहचान लिया करते थे......!!!!
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[12/15, 8:32 PM] Bansi Lal: बहुत नज़दीक आती जा रही हो
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या
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[12/15, 8:33 PM] Bansi Lal: ख़यालों में कई किरदार मुझ से रोज़ मिलते हैं
हक़ीक़त में मगर ऐसा कोई चेहरा नहीं मिलता...
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[12/15, 8:33 PM] Bansi Lal: किसलिए देखते हो आईना
तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो
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