Thursday, 6 December 2018

मोहबत बताती है:

[12/4, 9:01 PM] Bansi Lal: मोहब्बत खुद बताती हैं, कहां किसका ठिकाना है ...

किसे ऑखों में रखना है, किसे दिल मे बसाना है......
[12/4, 9:11 PM] Bansi Lal: कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब

आज तुम याद बे-हिसाब आए
[12/4, 9:15 PM] Bansi Lal: देखूँ तो मेरे अक्स से क्या कहता है दरिया

पल-भर को तो लहरों ने बताया है कि मैं हूँ
[12/4, 9:19 PM] Bansi Lal: मेरी इक छोटी सी कोशिश तुझ को पाने के लिए

बन गई है मसअला सारे ज़माने के लिए
[12/4, 9:26 PM] Bansi Lal: ह्रदय की विशाल शांति उसी को मिल सकती है।

जो न तो प्रशंसा की परवाह करता है और न ही निंदा की।
[12/4, 9:29 PM] Bansi Lal: जिंदगी के संघर्ष में शिखर की उंचाई पर वो ही पहुँचते है,

जो प्रतिशोध की नहीं परिवर्तन की सोच रखते  है..
[12/4, 9:31 PM] Bansi Lal: एक पत्थर की भी तक़दीर सँवर सकती है

शर्त ये है कि सलीक़े से तराशा जाए ...
[12/4, 9:36 PM] Bansi Lal: लुट लेते है अपने ही वरना, गैरों को

कहां पता इस दिल की दीवार कहां से कमजोर है।

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