Thursday, 30 November 2017

Gila Nahin:

ज़िन्दगी दर्द दे उसका ग़िला नहीं ;

मुद्दआ ये कि ग़मों की दवा नहीं करती.
🌹🌺🌹
जिस से मुंह फेर के रस्ते की हवा गुजरी है

किसी उजड़े हुए आँगन का दिया लगता है
🌹🌸🌹
न जाने कितने चराग़ों को मिल गई शोहरत

इक आफ़ताब के बे-वक़्त डूब जाने से
🌸🌺🌸
कुछ नहीं इल्म-ओ-हुनर रुतबा-ओ-फ़न दुनिया में

सभी को नाप का मिलता है कफ़न दुनिया में
🌺🌹🌺
अपने खिलाफ बाते, खामोशी से सुन लो....

यकीन मानो, वक्तबेहतरीन जवाब देगा....
🌸🌹🌸
नींद भी नीलाम हो जाती है बाज़ार -ए- इश्क में,

किसी को भूल कर सो जाना, आसान नहीं होता !
🌹🌺🌹
इन चराग़ों में तेल ही कम था...

क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे...
🌸🌺🌸
मेहरबानी ना सही इक ज़ख़्म ही दे दे मोहसीन,

मेसूस तो हो की कोई हमें भुला नहीं अभी...
🌺🌹🌺

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