पिता ने बंदिशे लगाई, उसे संस्कारो का नाम दे दिया.....!!
सास ने कहा अपनी इच्छाओं को मार दो उसे परम्पराओं का नाम दे दिया....!
ससुर ने घर को कैदखाना बना दिया, उसे अनुशासन का नाम दे दिया.....!!
पति ने थोप दिये अपने सपने अपनी इच्छायें, उसे वफा का नाम दे दिया.....!
बच्चों ने अपने मन की करी, और उसे नयी सोच का नाम दे दिया....!
ठगी सी खड़ी मैं जिन्दगी की राहों पर, और मैने उसे किस्मत का नाम दे दिया.....!!
🌿 मंदिर में गयी तो , महाराज ने उसे कर्म का नाम दे दिया....!
जिंदगी तो मेरी थी एक पल जीने को तरस गयी।
फिर भी इन चलती सांसों को हमने ज़िन्दगी का नाम दे दिया। !!!!!
Monday, 6 February 2017
औरत:
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा
[8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...
-
" जहाँ रौशनी की ज़रूरत हो चिराग वहीँ जलाया करो, सूरज के सामने जलाकर उसकी औकात ना गिराया करो...!" सहमी हुई है झोपड़ी, बार...
-
[6:38 AM, 9/16/2022] Bansi lal: छाता लगाने का मतलब ये नहीं कि आप बच गये, डुबाने वाला पानी सिर से नहीं हमेशा पैर से आता है। [7:10 AM, 9/16/...
-
[5/11, 6:17 AM] Bansi lal: बेगुनाह कोई नहीं, सबके राज़ होते हैं, किसी के छुप जाते हैं, किसी के छप जाते हैं। [5/11, 6:17 AM] Bansi lal: अपने...
No comments:
Post a Comment