Wednesday, 25 September 2019

बहाना एक ही बहुत होता है...,

 चढ़ते सूरज के पूजारी तो लाखों हैं 'फ़राज़',
डूबते वक़्त हमने सूरज को भी तन्हा देखा...
जिन्दगी तो तब तक ही थी
जब तक साथ थे तुम
"अधूरे रह जाते हैं अहसास,,,
जब शब्द बहुत सोचकर लिखे जाते हैं.. "
लेन-देन में जल्दबाजी ना करें ,
भरोसा , रिश्ते , इंसानियत , प्रॉपर्टी , अभी और नीचे गिरेंगे ,
“बहाना एक ही बहुत होता है...,
निभाना हो...या जाना हो।

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