Thursday, 12 September 2019

इस सदी की आस्था


इस सदी की आस्था को देखकर हम डर गए...
भूख से बच्चे मरे और दूध पत्थर पी गये..
ज़र्रा ज़र्रा जल जाने को हाज़िर हूँ,
बस शर्त है कि वो ...आँच तुम्हारी हो ...
देखा भी उसने और नज़र भी फेर ली
इस बदनसीब का दो बार क़त्ल हुआ
 परिवार के साथ धैर्य प्यार कहलाता है,
औरों के साथ धैर्य सम्मान कहलाता है,
स्वयं के साथ धैर्य आत्मविश्वास कहलाता है,
और भगवान के साथ धैर्य आस्था कहलाती है..
लड़ झगड़ कर ही सही,
तुझसे उलझे रहना भी तो इश्क़ है...

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