एक धागे की बात रखने को....
मोम का रोम रोम जलता है...
“न होगा कुछ महज ,अंधेरों को कोसने से ...
अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा।”
साथ देने की क्या बात करते हो
"साहब"
"साहब"
हमने तो उनके साथ छोड़ने में भी
"उनका साथ दिया...!!!
"उनका साथ दिया...!!!
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