जब सवालों के जवाब मिलने बंद हो जायें..
तो समझ लो एक मोड़ लेना है रास्ते और रिश्ते दोनों में ...!
नाराज़गियों को कुछ देर चुप रह कर मिटा लिया करो,
ग़लतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं.. ...!
सारी गवाहियाँ तो मेरे हक़ में आ गईं
लेकिन मेरा बयान ही मेरे ख़िलाफ़ था।
कभी तुम भी लिखा करों दो शब्द हमारे लिए..
हमें सिर्फ लिखना नहीं पढ़ना भी अच्छा लगता है!!
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