Monday, 12 March 2018

आंखों:

आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके

दिल में हज़ार ज़ख़्म थे जो न उन्हें दिखा सके
🍂🥀🍂
चलते हैं वो भी हमसे तेवर बदल बदल के,

जिसको सिखाया हमने चलना संभल संभल के
🍂🥀🍂
तेरे आने की क्या उमीद मगर,

कैसे कह दूँ कि इंतिज़ार नहीं...

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