"विषम परिस्थितियों के कठोर प्रहारों से ही चरित्र का निर्माण होता है। "
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"फूल की चाह भी है तुमको, और दामन में काँटा भी मंज़ूर नही...!"
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जो बच्चे बचपन में तितली पकड़न में जुटे रहते है
बड़े हो कर सोचते हैं चिरिया पकड़ना भी उतना सहल है |
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हमने सोचा के दो चार दिन की बात होगी लेकिन .
तेरे ग़म से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया .
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फैसला तुमको भूल जाने का, इक नया ख़्वाब है दीवाने का |
हौसला कम किसी में होता है,जीत कर खुद ही हार जाने का ||
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सोचा किया मैं हिज्र की दहलीज़ पे बैठा
सदीयों में उतर जाता है लम्हों का सफर क्यूँ
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बताने वाले वहीं पर बताते हैं मंज़िल
हज़ार बार जहाँ से गुज़र चुका हूँ मैं
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गुनगानाना तो तकदिर में लिखा कर लाये थे
खीलखीलाना दोस्तों ने तोहोफे में दे दिया
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बेवफ़ाई तो सब करते हैं,
आप तो समझदार थे, कुछ नया करते...
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तेरी आँखों के लिए इतनी सज़ा काफ़ी है
आज की रात मुझे ख़्वाब में रोता हुआ देख
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रोज़ इस शहर में इक हुक्म नया होता है
कुछ समझ में नहीं आता की क्या होता है
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देर से गूँजते हैं सन्नाटे
जैसे हम को पुकारता है कोई
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ख़ुद उसका रंग पीछा कर रहे हैं
कहीं देखी है ऐसी सादगी क्या
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एक ग़ुबार दिल में रख कर बैठा हूँ
एक तुफान भी अँदर समेटे बैठा हूँ
ना छेड़ो दिल के तार कोई अब के
कुछ आवाज़ों को दबाकर बैठा हूँ
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तेरे जाने के बाद,
उस चिठ्ठी की तरह सफ़र में है #ज़िन्दगी,
जिसे बग़ैर पता लिखें रवाना कर दिया गया हो...!!!
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अपने हर इक लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा
उसको छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा
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