Monday, 12 March 2018

शहर तब्दील:

शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास

रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं
🍂🍃🍂
हमें देखो हमारे पास बैठो हम से कुछ सीखो

हमीं ने प्यार माँगा था हमीं ने दाग़ पाए हैं
🍂🍃🍂
एक ही जैसे ग़म सबके हैं हाल सुनाना क्या,

ऐसी वैसी बातों की तफ़्सील में जाना क्या
🍂🍃🍂
उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है,

परों की अब के नहीं हौसलों की बारी है
🍃🍂🍃
संभल कर चल नादान,
ये इंसानों की बस्ती हैं...

ये तो रब को भी आजमा लेते हैं,
🍂🍃🍂
तेरी क्या हस्ती हैं..........!!!

सस्ते में लूट लेती है
ये दुनिया अक्सर उन्हें

जिन्हें खुद की
कीमत का अंदाज़ा नहीं होता..
🍂🍃🍂
जान जब प्यारी थी, तब दुश्मन हज़ारों थे..

अब मरने का शौक है, तो क़ातिल नहीं मिलते...!!
🍃🍂🍃
आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके

दिल में हज़ार ज़ख़्म थे जो न उन्हें दिखा सके
🍂🍃🍂

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