शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास
रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं
🍂🍃🍂
हमें देखो हमारे पास बैठो हम से कुछ सीखो
हमीं ने प्यार माँगा था हमीं ने दाग़ पाए हैं
🍂🍃🍂
एक ही जैसे ग़म सबके हैं हाल सुनाना क्या,
ऐसी वैसी बातों की तफ़्सील में जाना क्या
🍂🍃🍂
उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है,
परों की अब के नहीं हौसलों की बारी है
🍃🍂🍃
संभल कर चल नादान,
ये इंसानों की बस्ती हैं...
ये तो रब को भी आजमा लेते हैं,
🍂🍃🍂
तेरी क्या हस्ती हैं..........!!!
सस्ते में लूट लेती है
ये दुनिया अक्सर उन्हें
जिन्हें खुद की
कीमत का अंदाज़ा नहीं होता..
🍂🍃🍂
जान जब प्यारी थी, तब दुश्मन हज़ारों थे..
अब मरने का शौक है, तो क़ातिल नहीं मिलते...!!
🍃🍂🍃
आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके
दिल में हज़ार ज़ख़्म थे जो न उन्हें दिखा सके
🍂🍃🍂
No comments:
Post a Comment