Saturday, 17 March 2018

जिंदगी 3:

सफ़र में अचानक सभी रुक गए

अजब मोड़ अपनी कहानी में था
🌹🍃🌹
चराग़ों को आँखों में महफ़ूज़ रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात है
🌹🍃🌹
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं

पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
🌹🍃🌹
कैसे उन्हें भुलाऊँ मोहब्बत जिन्हों ने की

मुझ को तो वो भी याद हैं नफ़रत जिन्हों ने की
🌹🍃🌹
सफ़र में अचानक सभी रुक गए

अजब मोड़ अपनी कहानी में था
🌹🍃🌹

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