Monday, 5 March 2018

जमाना की नज़र:

जमाने की नज़र में अकड़ के चलना सीख ले दोस्त...
मोम का दिल ले कर चलेगा तो लोग जलाते रहेंगे।

मरहम न सही एक ज़ख्म ही दे दो..
महसूस तो हो के कोई हमें भूला नहीं...!

जमाने की नज़र में अकड़ के चलना सीख ले दोस्त...
मोम का दिल ले कर चलेगा तो लोग जलाते रहेंगे।

उसकी ज़िंदगी में मेरी जगह बादल के एक टुकड़े बराबर भी नहीं ~
जिसके नाम मैंने अपना सारा आकाश कर दिया ~

खोने की दहशत और पाने की चाहत न होती , तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती ......

खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना खत खोला अनजाने में
जाने किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में
दर्द मज़े लेता है जो दुहराने में

कभी बैठो अकेले में तो कोई याद आता है,
जो कोई है नहीं मेरा वही फिर क्यों सताता है?

हम खबर रखते हैं जमाने की, इन किस्सों से हमें बहलाओगे कैसे..?
कई राज़ दफ्न हैं इस सीने में, इन निगाहों से भला बच पाओगे कैसे ?
One of the greatest blessings is to be able to be happy even when things aren’t going the way we planned...

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