Saturday, 30 July 2016

मैं भी रूठा, तुम् भी रूठे:

*मैं रूठा, तुम भी रूठ गए*
*फिर मनाएगा कौन ?*

*आज दरार है, कल खाई होगी*
*फिर भरेगा कौन?*

*मैं चुप, तुम भी चुप*
*इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?*

*बात छोटी को लगा लोगे दिल से,*
*तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?*

*दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर,*
*सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?*

*न मैं राजी, न तुम राजी,*
*फिर माफ़ करने का बड़प्पन* *दिखाएगा कौन ?*

*डूब जाएगा यादों में दिल कभी,*
*तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?*

*एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी,*
*इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?*

*ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?*
*फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?*

*मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें....*
*तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?*

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