दो बच्चे रात को एक दुकान से संतरों की टोकरी चुराकर लाए और सोचा कि इनका बंटवारा कर लेते हैं । एक ने कहा कि चलो कब्रिस्तान में चलकर बंटवारा कर लेते हैं । तब वो दोनों कब्रिस्तान के दरवाजे को फांदकर अंदर जाते हैं , उसी समय दो संतरे टोकरी में से गिर जाते हैं । वो उन्हे अनदेखा कर आगे बढकर एक कब्र के पास बैठकर संतरों का बंटवारा करते हैं । एक तेरा एक मेरा, एक तेरा एक मेरा ।
उसी समय एक शराबी वँहा से गुजरता है । जैसे ही वो "एक तेरा एक मेरा " की आवाज सुनता है उसका नशा हिरन हो जाता है और भागता हुआ पादरी के पास जाता है और कहता है कि कब्रिस्तान में भगवान और शैतान आपस में मुर्दों को बांट रहे हैं । मैंने उन्हें एक तेरा एक मेरा कहते सुना है ।
इतना सुनकर पादरी उस शराबी के साथ जाता है और जैसे ही दोनों कब्रिस्तान के गेट तक पहुँचते है वैसे ही उल्टे पाँव वापस भाग जाते है क्योंकि अंदर से आवाज आती है इनका तो बंटवारा हो गया लेकिन जो दो कब्रिस्तान के दरवाजे के पास है उनका क्या करें ।
Saturday, 30 July 2016
एक तेरा एक मेरा:
मैं भी रूठा, तुम् भी रूठे:
*मैं रूठा, तुम भी रूठ गए*
*फिर मनाएगा कौन ?*
*आज दरार है, कल खाई होगी*
*फिर भरेगा कौन?*
*मैं चुप, तुम भी चुप*
*इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?*
*बात छोटी को लगा लोगे दिल से,*
*तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?*
*दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर,*
*सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?*
*न मैं राजी, न तुम राजी,*
*फिर माफ़ करने का बड़प्पन* *दिखाएगा कौन ?*
*डूब जाएगा यादों में दिल कभी,*
*तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?*
*एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी,*
*इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?*
*ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?*
*फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?*
*मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें....*
*तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?*
Saturday, 23 July 2016
सन्तोष की पराकाष्ठा:
बात अकलमंदी की
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किसी मित्र से पैसा उधार मांगने से पहले यह निर्णय कर लीजिये कि
आपको मित्र कि अधिक आवश्यकता है या पैसे की.
संतोष की पराकाष्ठा
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शेख सादी जब नब्बे बरस के हुए,तो अरब के एक सुल्तान नें उनके पास एक बेशकीमती हीरा भेजा और लिखा,'सारी ज़िन्दगी आपने कविताएँ लिखने में ही गँवा दी है अगर इस हीरे के जोड़ की कोई कविता आपके पास हो तो भेज दें.'
सादी नें पत्र पढ़ा और हीरे को देखा.वे सुल्तान की इस हरकत से चकित हुए फिर जवाब लिखा,'आप कविता की बातें करते हैं लेकिन आपको शायद मालूम नहीं कि मेरी शायरी का एक-एक शब्द आपके इस हीरे से कहीं अधिक कीमती है.'
मेरे शब्द दो बिछुड़े हुए दिलों का स्नेह सेतु बनने कि क्षमता रखते हैं,जबकि आपका हीरा दो इंसानों के बीच खून-खराबे का जरिया ही बनता है.मेरे शब्द ईस्वर के सिंहासन को पिघलाने की क्षमता रखते हैं,जबकि आपका हीरा इंसान की भूख मिटाने में एक चने की भी बराबरी नहीं करता,उलटे उसका काल बन सकता है.आपका हीरा आपको मुबारक हो,मुझे इसकी कोई आवश्यकता नहीं है.
Friday, 22 July 2016
थक गया मै यद् करते:
"थक गया मैं करते करते याद तुझ को
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ":
क़तील शिफ़ाई
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में...
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।
मदहोश होता हूँ तो दुनियाँ को बुरा लगता हूँ,
होश रहता है तो दुनियाँ मुझको बुरी लगती है...
तोबा क्यों करते हो तुम इश्क से,
महबूब तुम्हारा बेवफा हो तो इश्क का क्या कसूर.
अपना ही अक्स नज़र आती है अक्सर मुझको
वो हर इक चीज जो मिट्टी की बनी होती है
मुमकिन है तेरे बाद भी आती होंगी बहारें,
गुलशन में तेरे बाद कभी जा कर देखा नहीं
जहिलों में नहीं मिले इतने...
जितने जहिल पढ़े-लिखों में मिले
छुप के आई हज़ार परदों में,
आरज़ू फिर भी बेलिबास रही..
Living is simple:
There are only two things to aim at in life; first to get what you want & after that to enjoy it. Only the wisest of mankind has achieved the second :
" Living is simple, Loving is simple, Laughing is simple. Winning is also very simple but living your life in a SIMPLE way is DIFFICULT."
"If you salute your duty, you need not salute anybody. But, if you pollute your duty, you have to salute everybody"
“Growing older is mandatory. Growing up is optional. We make a Living by what we get, we make a Life by what we give. If you fill your heart with regrets of yesterday and the worries of tomorrow, you have no today to be thankful for”.
No one can depress you. No one can make you anxious.
No one can hurt your feelings. No one can make you anything-other than what you allow inside.
We have no more right to consume happiness= without producing it;
than to consume wealth=without producing it !
Living is simple:
There are only two things to aim at in life; first to get what you want & after that to enjoy it. Only the wisest of mankind has achieved the second :
" Living is simple, Loving is simple, Laughing is simple. Winning is also very simple but living your life in a SIMPLE way is DIFFICULT."
"If you salute your duty, you need not salute anybody. But, if you pollute your duty, you have to salute everybody"
“Growing older is mandatory. Growing up is optional. We make a Living by what we get, we make a Life by what we give. If you fill your heart with regrets of yesterday and the worries of tomorrow, you have no today to be thankful for”.
No one can depress you. No one can make you anxious.
No one can hurt your feelings. No one can make you anything-other than what you allow inside.
We have no more right to consume happiness= without producing it;
than to consume wealth=without producing it !
कश्मीर:
कश्मीर
पथरों से भींची मुठ्ठीयां
अमन ओ चैन निगल गया
गोलियों के छर्रों से
कोई खवाब छिल गया
इधर से फिर ऊधर से
हर कोई मुझे छल गया
फिरकापरस्त तंग गलियों में
मासूम दुबक के निकल गया
मिटते नहीं दिलों से दाग़
ये कौन सी स्याही मल गया
हम बहसों में फिक्रमंद रहे
सामने शहर जल गया
ये दौर भी क्या खूब रहा
सही चुप था,शोर सब निगल गया
सन्नाटे पसरे रहे चौबारों में
अब के पूनम का चाँद ढल गया
नफरतों को लांघते लांघते
सदी सा वक़्त भी निकल गया
हम पता पूछते फिरते रहे
वो हमें पढ़ के निकल गया
इस कश्मीरी कैनवास पर
हर कोई सियासत मल गया
......trs.....
Coffee:
Coffee never knew it will taste nice and sweet, before it met sugar and milk. We are good as individuals but become better when we blend with the right people. The world is full of nice people, if you can't find one, be one._
The richest wealth is health and wisdom. The strongest weapon is patience. The best security is faith. The greatest tonic is laughter, and the greatest force is love. The surest assurance is hope in God. And the source of our strength is the joy of the Lord. Surprisingly all are free._*
Wednesday, 20 July 2016
Anger Management !!!
In anger & revenge, the snake bit the axe with full force. What could a bite do to a metallic axe? Instead the cobra 's mouth started bleeding. Out of fury & arrogance, the cobra tried it's best to strangle & kill the object that was causing it pain by wrapping itself around the axe.
The next day when the carpenter opened the workshop, he found a dead cobra wrapped around the axe blades.
For a happy life, it's best we should ignore & overlook things, people, incidents, affairs & matters.
It is not necessary that we show a reaction to everything. Step back & ask yourself if the matter is really worth responding to .
We all know what anger is, and we've all felt it: whether as a fleeting annoyance or as full-fledged rage. Anger is a completely normal, usually healthy, human emotion. But when it gets out of control and turns destructive, it can lead to problems—problems at work, in your personal relationships, and in the overall quality of your life. And it can make you feel as though you're at the mercy of an unpredictable and powerful emotion. Do you fume when someone cuts you off in traffic? Does your blood pressure rocket when your child refuses to cooperate ?
- Think before you speak
- Once you're calm, express your anger
- Get some exercise
- Take a timeout
- Identify possible solutions
To complete any task Use ALL your strength !!!
प्रयास कभी मत छोड़ो:
एक लड़की कार चला रही थी और पास में उसके पिताजी बैठे थे.
राह में एक भयंकर तूफ़ान आया और लड़की ने पिता से पूछा -- अब हम क्या करें?
पिता ने जवाब दिया -- कार चलाते रहो.
तूफ़ान में कार चलाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था और तूफ़ान और भयंकर
होता जा रहा था.
अब मैं क्या करू ? -- लड़की ने पुनः पूछा.
कार चलाते रहो. -- पिता ने पुनः कहा.
थोड़ा आगे जाने पर लड़की ने देखा की राह में कई वाहन तूफ़ान की वजह से रुके हुए थे. उसने फिर अपने पिता से कहा -- मुझे कार रोक देनी चाहिए.
मैं मुश्किल से देख पा रही हूँ. यह भयंकर है और प्रत्येक ने अपना वाहन रोक दिया है. उसके पिता ने फिर निर्देशित किया -- कार रोकना नहीं. बस चलाते रहो.
अब तूफ़ान ने बहुत ही भयंकर रूप धारण कर लिया था किन्तु लड़की ने कार
चलाना नहीं रोका और अचानक ही उसने देखा कि कुछ साफ़ दिखने लगा है. कुछ किलो मीटर आगे जाने के पश्चात लड़की ने देखा कि तूफ़ान थम गया और सूर्य निकल आया.
अब उसके पिता ने कहा -- अब तुम कार रोक सकती हो और बाहर आ सकती हो.
लड़की ने पूछा -- पर अब क्यों?
पिता ने कहा -- जब तुम बाहर आओगी तो देखोगी कि जो राह में रुक गए थे, वे
अभी भी तूफ़ान में फंसे हुए हैं. चूँकि तुमने कार चलाने के प्रयत्न नहीं छोड़ा, तुम तूफ़ान के बाहर हो.
यह किस्सा उन लोगों के लिए एक प्रमाण है जो कठिन समय से गुजर रहे हैं.
मजबूत से मजबूत इंसान भी प्रयास छोड़ देते हैं.
किन्तु प्रयास कभी भी छोड़ना नहीं चाहिए. निश्चित ही जिन्दगी के कठिन समय गुजर जायेंगे और सुबह के सूर्य की भांति चमक आपके जीवन में पुनः आयेगी
Tuesday, 19 July 2016
उठिये मंजिल आपका इंतज़ार कर रही है:
एक बार एक अध्यापक बच्चों को कुछ सीखा रहे थे। उन्होंने एक छोटे बरतन में पानी भरा और उसमें एक मेंढक को डाल दिया। पानी में डालते ही मेंढक आराम से पानी में खेलने लगा। अब अध्यापक ने उस बर्तन को गैस पर रखा और नीचे से गर्म करना शुरू किया।जैसे ही थोड़ा तापमान बढ़ा तो मेंढक ने अभी अपने शरीर के तापमान को थोड़ा उसी तरह adjust करलिया। अब जैसे ही बर्तन का थोड़ा तापमान बढ़ता तो मेंढक अपने शरीर के तापमान को भी उसी तरह adjust कर लेता और उसी बर्तन में मजे से पड़ा रहता।धीरे धीरे तापमान बढ़ना शुरू हुआ, एक समय ऐसा भी आया जब पानी उबलने लगा और अब मेंढक की क्षमता जवाब देने लगी। अब बर्तन में रुके रहना संभव ना था। बस फिर क्या था मेंढक ने बर्तन से बाहर निकलने के लिए छलांग लगायी लेकिन अफ़सोस ऐसा हो ना सका। मेंढक अपनी पूरी ताकत लगाने के बावजूद उस पानी से भरे बर्तन से नहीं निकल पा रहा था क्यूंकि अपने शरीर का तापमान adjust करने में ही वो सारी ताकत खो चुका था।कुछ ही देर में गर्म पानी में पड़े पड़े मेंढक ने प्राण त्याग दिए।अब अध्यापक ने बच्चों से पूछा कि मेंढक को किसने मारा तो कुछ बच्चों ने कहा – गर्म पानी ने……लेकिन अध्यापक ने बताया कि मेंढक को गर्म पानी ने नहीं मारा बल्कि वो खुद अपनी सोच से मरा है। जब मेंढक को छलांग मारने की आवश्यकताथी उस समय तो वो तापमान को adjust करने में लगा था उसने अपनी क्षमता का प्रयोग नहीं किया लेकिन जब तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया तब तक वह कमजोर हो चुका था।मेरे दोस्त यही तो हम सब लोगों के जीवन की भी कहानी है। हम अपनी परिस्थितियों से हमेशा समझौता करने में लगे रहते हैं। हम परिस्थितियों से निकलने का प्रयास नहीं करतेउनसे समझौता करना सीख लेते हैं और सारा जीवन ऐसे ही निकाल देते हैं और जब परिस्थितियां हमें बुरी तरह घेर लेती हैं तब हम पछताते हैं कि काश हमने भी समय पर छलांग मारी होती।अच्छी बुरी हर तरह की परिस्थितियां इंसान के सामने आती हैं लेकिन आपको परिस्थितियों से समझौता नहीं करना है। बहुत सारे लोग बुरी परिस्थितियों को अपना भाग्य मानकर ही पूरा जीवन दुखों में काट देते हैं। बहुत अफ़सोस होता है कि लोग समय पर छलांग क्यों नहीं मारते।संघर्ष ही इंसान को जीना सिखाता है-स्वामी विवेकानंद:-कोई फरिश्ता तुम्हारे आंसू पौंछने नहीं आएगा, कोई फरिश्ता तुमको ऊँगली पकड़ के सफलता तक नहीं ले जायेगा। अगर कोई इंसान आपकी मदद कर सकता है तो वो हैं आप खुद। आप ही वो इंसान है जो खुद को सबसे बेहतर तरीके से जानते हैं। खुद को मरने मत दीजिये अपने अंदर के जोश को ठंडा मत होने दीजिये। उठिए देखिये आपकी मंजिल आपका इंतजार कर रही है।🤓🙏�😀
मानवता ज़रूरी है:
एक बार एक बूढ़े व्यक्ति के अंगूठे में चोट लग गई तो वे चोट को ठीक कराने अस्पताल पहुंचे । लेकिन डॉक्टर के वहाँ बहुत भीड़ लगी थी । वे भीड़ को चीरते हुए डॉक्टर के पास पहुंचे और उनसे निवेदन करते हुए बोले- मैं बड़ी जल्दी में हूँ, आप पहले मुझे देख ले । वे बार-बार घड़ी को देख रहे थे ।
सर ! आप इतनी जल्दी में क्यों हो, क्या आपका किसी अन्य डॉक्टर से अपॉइटमेंट है ? डॉक्टर ने पूछा । बूढ़े व्यक्ति ने बताया की कुछ दूर नर्सिंग रूम में बहुत दिनों से उनकी पत्नी भर्ती है । वे रोज उनके साथ नाश्ता करते है ।
डॉक्टर मुस्कराते हुए बोले - ओह ! ये बात है ! इसीलिए आप जल्दी कर रहे हो, क्योंकि देर से पहुंचने पर आपकी पत्नी आपसे नाराज हो जाएगी ।
तब बूढ़ा व्यक्ति बोला - नही ! ऐसा नही है, मेरी पत्नी अल्जाइमर की मरीज है और वह किसी को नहीं पहचानती और पिछले पांच सालो से तो वह मुझे भी नहीं पहचानती ।
तब डॉक्टर बोला - फिर भी आप रोज उनके साथ नाश्ता करने जाते है, ये जानते हुए भी की वो आपको पहचानती तक नहीं ।
बुजुर्ग व्यक्ति मुस्कराया और डॉक्टर से बोला - वह मुझे नहीं पहचानती तो क्या हुआ, परंतु मै तो यह जानता हूँ न की वह कौन है ?
प्रिय दोस्तों, हमें इस कहानी से ये जरूर सीखना चाहिए की कई बार हमारे जीवन में भी ऐसे कई मौके आते है जहाँ पर हमारी मानवता का इम्तिहान होता है। इसलिए हमे बिना स्वार्थ के अपने दायित्वों को निभाना चाहिए, ये मानवता के लिए बहुत जरुरी है।
Sunday, 17 July 2016
शाम की नासमझ हवा:
शाम की नासमझ हवा पूछ रही है इक पता .......
मौज-ए-हवा-ए-कू-ए-यार कुछ तो मेरा ख़याल भी
हमने तहजीब में सजदा क्या किया ???
वो खुद को खुदा ही मान बैठे !!!!!????
Faith and Prayer.... are invisible.. but they make impossible things possible.... It's God's part to do d wonders... ours is d simplest part to work, trust n Pray !!!
When a friend is in trouble, don't annoy him by asking if there is anything you can do. Think up something appropriate and do it.
Wishing to be friends is quick work, but friendship is a slow ripening fruit.
“Life Become Useless And Insipid When We No Longer Have Either Friends Or Enemies”
There are only two things to aim at in life; first to get what you want & after that to enjoy it. Only the wisest of mankind has achieved the second :
नज़ाक़त से लहरें:
जिस नजाकत से...ये लहरें मेरे पैरों को छूती हैं...
यकीन नहीं होता...इन्होंने कभी कश्तियाँ डुबोई होंगी...
A good way to change someone's attitude is to change your own.Because, the same sun that melts butter, also hardens clay! Life is as we think, so think beautifully.
एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है और गौर करने वाली बात है कि सारी अच्छी मछलियों कुछ भी नहीं कर सकती - न तो गन्दगी का न उस गन्दी मछली का !!!
शाम की नासमझ हवा पूछ रही है इक पता .......
मौज-ए-हवा-ए-कू-ए-यार कुछ तो मेरा ख़याल भी
हमने तहजीब में सजदा क्या किया ???
वो खुद को खुदा ही मान बैठे !!!!!????
पापा:
एक पुत्र अपने पिता के विषय में उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर क्या विचार रखता है....
*4 वर्ष :* मेरे पापा महान है ।
*6 वर्ष :* मेरे पापा सबकुछ जानते है, वे सबसे होशियार है।।
*10 वर्ष :* मेरे पापा अच्छे है, परन्तु गुस्से वाले है।
*12 वर्ष :* मैं जब छोटा था, तब मेरे पापा मेरे साथ अच्छा व्यवहार करते थे ।
*16 वर्ष :* मेरे पापा वर्तमान समय के साथ नही चलते, सच पूछो तो उनको कुछ भी ज्ञान ही नही है !
*18 वर्ष :* मेरे पापा दिनों दिन चिड़चिड़े और अव्यवहारिक होते जा रहे है।
*20 वर्ष :* ओहो... अब तो पापा के साथ रहना ही असहनीय हो गया है....मालुम नही मम्मी इनके साथ कैसे रह पाती है।
*25 वर्ष :* मेरे पापा हर बात में मेरा विरोध करते है, कौन जाने, कब वो दुनिया को समझ सकेंगे।
*30 वर्ष :* मेरे छोटे बेटे को सम्भालना मुश्किल होता जा रहा है... बचपन में मै अपने पापा से कितना डरता था ?
*40 वर्ष :* मेरे पापा ने मुझे कितने अनुशासन से पाला था, आजकल के लड़को में कोई अनुशासन और शिष्टाचार ही नही है।
*50 वर्ष :* मुझे आश्चर्य होता है, मेरे पापा ने कितनी मुश्किलें झेल कर हम चार भाई-बहनो को बड़ा किया, आजकल तो एक सन्तान को बड़ा करने में ही दम निकल जाता है।
*55 वर्ष :* मेरे पापा कितनी दूरदृष्टि वाले थे, उन्होंने हम सभी भाई-बहनो के लिये कितना व्यवस्थित आयोजन किया था, आज वृद्धावस्था में भी वे संयमपुर्वक जीवन जी सकते है।
*60 वर्ष :* मेरे पापा महान थे, वे जिन्दा रहे तब तक हम सभी का पूरा ख्याल रखा।
सच तो यह है की..... पापा ( पिता ) को अच्छी तरह समझने में पुरे 60 साल लग गये ।
कृपया आप अपने पापा को समझने में इतने वर्ष मत लगाना, समय से चेत जाना, और पिता की महानता को बराबर समझ लेना......
The Final whistle:
"I watched a local ⚽football match
in a school playing ground.
As I sat down, I asked one of the boys what the score was.
With a proud smile, he replied; "They are leading us 3-0" !!!
REALLY !!!
I have to say you don't look discouraged.
"Discouraged?" the boy asked with a puzzled look.
Why should I be discouraged when the referee has not blown the final whistle ?
Truly, I didn't have an answer to this question!
As I got back home that night, his question became a course in my stay in life indeed.
Life is like a game .
Why should you be discouraged when your referee,... The Almighty has not blown the final whistle on your life?
The truth is that as long as there is life, nothing is impossible & it is never too late for you.
Half time is not full time & His calendar is not mine
Dont blow the whistle yourself. ⚽
Create an awesome life.....
Friday, 15 July 2016
रहीम:
*एक बहुत बड़े दानवीर हुए* *रहीम । उनकी ये एक खास बात* *थी के जब वो दान देने के लिए हाथ आगे बढ़ाते तो अपनी नज़रें नीचे झुका लेते थे।*
*ये बात सभी को* *अजीब लगती थी कि* *ये रहीम कैसे दानवीर है*
*ये दान भी देते है और* *इन्हें शर्म भी आती है ।ये बात जब कबीर*
*जी तक जब पहुंची तो* *उनोहने रहीम को चार* *पंक्तिया लिख कर भेजी* *जिसमे लिखा था* -
*ऐसी देनी देन जु*
*कित सीखे हो सेन*
*ज्यों ज्यों कर ऊंचो करें*
*त्यों त्यों नीचे नैन ।*
*इसका मतलब था* *के रहीम तुम ऐसा दान* *देना कहाँ से सीखे हो* *जैसे जैसे तुम्हारे हाथ* *ऊपर उठते है वैसे वैसे तुम्हारी नज़रें तुम्हारे नैन* *नीचे क्यू झुक जाते है* ।
*रहीम ने इसके बदले मे* *जो जवाब दिया वो जवाब इतना गजब का था कि जिसने भी सुना वो रहीम*
*का भक्त हो गया इतना* *प्यारा जवाब आज तक* *किसी ने किसी को नही* *दिया । रहीम ने जवाब*
*में लिखा*
*देंन हार कोई और है*
*भेजत जो दिन रैन*
*लोग भरम हम पर करें*
*तासो नीचे नैन ।।*
*मतलब देने वाला* *तो कोई और है वो मालिक* *है वो परमात्मा है वो दिन* *रात भेज रहा है । परन्तु* *लोग ये समझते है के मै* *दे रहा हु रहीम दे रहा है* *ये विचार कर मुझे शर्म* *आ जाती है और मेरी* *आँखे नीचे झुक जाती है* *सच में मित्रो ये ना* *समझी ये मेरे पन का* *भाव यदि इंसान के अंदर* *से मिट जाये तो वो* *जीवन को और बेहतर*
*जी सकता है* ।
डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा
[8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...
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" जहाँ रौशनी की ज़रूरत हो चिराग वहीँ जलाया करो, सूरज के सामने जलाकर उसकी औकात ना गिराया करो...!" सहमी हुई है झोपड़ी, बार...
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[6:38 AM, 9/16/2022] Bansi lal: छाता लगाने का मतलब ये नहीं कि आप बच गये, डुबाने वाला पानी सिर से नहीं हमेशा पैर से आता है। [7:10 AM, 9/16/...
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