है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है
कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है !!
कोशिश भी कर, उम्मीद भी रख, रस्ता भी चुन
फिर इसके बाद थोड़ा मुकद्दर तलाश कर
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो,
पढ़ कर के चंद किताबें वो भी..हम जैसे हो जायेंगें.
न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता
डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता
परेशानियों ने भी क्या खूब याद रखा मेरे घर का पता
बस ये खुशिया ही है जो आवारा निकली
You'll only learn to find happiness when you choose to let go of the thing that keeps you hurting.
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