Monday 19 July 2021

वो चाहता है कि दरिया सूख जाए वो रेत का व्यापार करना चाहता है

वो चाहता है कि दरिया सूख जाए 
वो रेत का व्यापार करना चाहता है

मैं जानता था के अब रेल मुड़ नहीं सकती
जो हाथ एक दफा छूट गया .. बस वो छूट गया ,

व्यक्ति अगर छांव देने वाले वृक्षों की क़दर ना करे तो धूप उसका नसीब बन जाती है

आज वो हमें बता रहे हैं 
कि नजर अंदाज कैसे करते हैं
एक दिन हम उन्हें बताएंगे की अफसोस किसे कहते है..!!

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