Sunday, 27 May 2018

परेशान:

गिले शिकवे कहाँ तक होंगे आधी रात तो गुज़री

परेशाँ तुम भी होते हो परेशाँ हम भी होते हैं
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दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता,

तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता...
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[5/16, 10:07 AM] Bansi Lal: जिन से इंसाँ को पहुँचती है हमेशा तकलीफ़

उन का दावा है कि वो अस्ल ख़ुदा वाले हैं
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[5/16, 10:09 AM] Bansi Lal: बातों बातों में ही उनवान बदल जाते हैं

कितनी रफ़्तार से इंसान बदल जाते हैं
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[5/18, 7:09 AM] Bansi Lal: नई हवाओँ की सोहबत बिगाड़ देती है,
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है,
जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते,

सजा ना देके अदालत बगाड़ देती हैं.
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[5/18, 7:10 AM] Bansi Lal: मैं जिस के हाथ में इक फूल दे के आया था

उसी के हाथ का पत्थर मेरी तलाश में है
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[5/18, 7:14 AM] Bansi Lal: जब से बाज़ू हटा लिया तुमने,

सर के नीचे सवाल सोते हैं...

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[5/18, 8:08 PM] Bansi Lal: पाँव में ज़ंजीर काँटे आबले

और फिर हुक्म-ए-सफ़र है क्या करूँ
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[5/18, 8:09 PM] Bansi Lal: आबला : छाला
[5/18, 8:10 PM] Bansi Lal: ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ

काश तुझ को भी इक झलक देखूँ
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[5/18, 8:11 PM] Bansi Lal: हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी

जिस को भी देखना हो कई बार देखना
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[5/18, 8:13 PM] Bansi Lal: नफरत खुलकर और मुहब्बत छिपकर करते हैं !

हम अपनी ही बनाई दुनियां से कितना डरते है।
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[5/19, 10:35 PM] Bansi Lal: सुरमे की तरह पीसा है हमें हालातों ने,

तब जा के चढ़ें हैं लोगों की निगाहों में..
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[5/19, 10:40 PM] Bansi Lal: सूरज ढला तो
कद से ऊँचे हो गए साये,

कभी पैरों के नीचे देखीं थी,
यहीं परछाइयां हमने...
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[5/21, 2:24 PM] Bansi Lal: है ख़ुशी इंतिज़ार की हर दम

मैं ये क्यूँ पूछूँ कब मिलेंगे आप
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[5/21, 2:26 PM] Bansi Lal: वक़्त से पेहले हादसों से लढा हु,
में अपनी उम्र से कई साल बड़ा हु..
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[5/21, 2:27 PM] Bansi Lal: तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं

कमाल ये है कि, फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं

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[5/22, 6:39 AM] Bansi Lal: भरे हैं रात के रेज़े कुछ ऐसे आँखों में

उजाला हो तो हम आँखें झपकते रहते हैं
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[5/22, 6:43 AM] Bansi Lal: सब शिकवे हमसे कागज़ पे उतारे ना जाएंगे..

कहीं पढ़ने वाला तुम्हें बददुआ ना दे दे,,,!
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[5/22, 6:44 AM] Bansi Lal: देख कर उन को ये अंदाज़ा हुआ

होगी ऐसी ही क़यामत कम से कम
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[5/22, 6:45 AM] Bansi Lal: जिंदगी की रेस में जो लोग आपको ‘दौड़’ कर नहीं हरा पाते

वही आपको ‘तोड़’ कर हराने की कोशिश करते
हैं......
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[5/23, 7:05 AM] Bansi Lal: चले कुछ कदम , थमे पल दो पल , पीछे मुड़कर देखा , कुछ सोचा , फिर पुन: चल पड़े , धीमे धीमे कदम धरते , अपने गंतव्य की ओर!!!!!
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[5/24, 11:08 AM] Bansi Lal: छीन लेते हैं उसे भी तो अयादत वाले

दुख का इक पल भी तो मेरा नहीं होने पाता
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[5/24, 11:11 AM] Bansi Lal: डूबे  हुए जहाज़ पे क्या #तब्सिरा करें,

ये हादिसा तो सोच की गहराई ले गया ....
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#समीक्षा
[5/24, 11:16 AM] Bansi Lal: डूबे  हुए जहाज़ पे क्या #तब्सिरा करें,

ये हादिसा तो सोच की गहराई ले गया ....
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[5/24, 11:17 AM] Bansi Lal: एक ही शक्ल के सब चेहरे थे लेकिन फिर भी

एक चेहरे ने तो बेहद किया हैरान मुझे
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[5/24, 8:55 PM] Bansi Lal: सुर्ख़-रू होता है इंसाँ ठोकरें खाने के बाद

रंग लाती है हिना पत्थर पे पिस जाने के बाद
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[5/24, 8:58 PM] Bansi Lal: खुशियों की सही क़ीमत उसी को पता होती है ,

जिसके पास खुशियों की दौलत बहुत कम होती है।।
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[5/24, 8:58 PM] Bansi Lal: समेट लेगा वो अपनी कुशादा बाँहों में

जो गिर रहे हैं इसी आसरे पे गिरते हैं
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[5/24, 8:59 PM] Bansi Lal: ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं

तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी
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[5/24, 9:00 PM] Bansi Lal: इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँ

कहीं ऐसा न हो जाए कहीं ऐसा न हो जाए
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[5/24, 9:02 PM] Bansi Lal: मुद्दतें हुईं अब तो जल के आशियाँ अपना

आज तक ये आलम है रौशनी से डरता हूँ
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