सो जाता है फ़ुटपाठ पे अख़बार बिछा कर
मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाता
🍁🍃🍁
मैं भी पागल तुझे मांगने को चली थी
आंधियों को दुपट्टे से बांधने को चली थी
🍁🍃🍁
मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाता
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मैं भी पागल तुझे मांगने को चली थी
आंधियों को दुपट्टे से बांधने को चली थी
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