Wednesday, 9 May 2018

सो जाता है फ़ुटपाठ पे अख़बार बिछा कर

 सो जाता है फ़ुटपाठ पे अख़बार बिछा कर

मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाता
🍁🍃🍁
मैं भी पागल तुझे मांगने को चली थी

आंधियों को दुपट्टे से बांधने को चली थी
🍁🍃🍁

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