Wednesday, 9 May 2018

ज़िंदगी है या कोई तूफ़ान है!

ज़िंदगी है या कोई तूफ़ान है!

हम तो इस जीने के हाथों मर चले
🍃🍁🍃
 हाथो में कुछ और लकीरो में कुछ और

ये ज़िन्दगी है जनाब
हमारी कुछ और , तुम्हारी कुछ और

🍁🍃🍁
 भला हुआ कि कोई और मिल गया तुम सा

वरना हम भी किसी दिन तुम्हें भुला देते
🍃🍁🍃
 आँधियाँ आती थीं लेकिन कभी ऐसा न हुआ

ख़ौफ़ के मारे जुदा शाख़ से पत्ता न हुआ
🍁🍃🍁
 मेरी ज़िंदगी तो गुज़री तेरे हिज्र के सहारे

मेरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना
🍃🍁🍃

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