ज़िंदगी है या कोई तूफ़ान है!
हम तो इस जीने के हाथों मर चले
🍃🍁🍃
हाथो में कुछ और लकीरो में कुछ और
ये ज़िन्दगी है जनाब
हमारी कुछ और , तुम्हारी कुछ और
🍁🍃🍁
भला हुआ कि कोई और मिल गया तुम सा
वरना हम भी किसी दिन तुम्हें भुला देते
🍃🍁🍃
आँधियाँ आती थीं लेकिन कभी ऐसा न हुआ
ख़ौफ़ के मारे जुदा शाख़ से पत्ता न हुआ
🍁🍃🍁
मेरी ज़िंदगी तो गुज़री तेरे हिज्र के सहारे
मेरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना
🍃🍁🍃
हम तो इस जीने के हाथों मर चले
🍃🍁🍃
हाथो में कुछ और लकीरो में कुछ और
ये ज़िन्दगी है जनाब
हमारी कुछ और , तुम्हारी कुछ और
🍁🍃🍁
भला हुआ कि कोई और मिल गया तुम सा
वरना हम भी किसी दिन तुम्हें भुला देते
🍃🍁🍃
आँधियाँ आती थीं लेकिन कभी ऐसा न हुआ
ख़ौफ़ के मारे जुदा शाख़ से पत्ता न हुआ
🍁🍃🍁
मेरी ज़िंदगी तो गुज़री तेरे हिज्र के सहारे
मेरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना
🍃🍁🍃
No comments:
Post a Comment