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*_💫 !! एक प्रेरक कहानी !! ✨_*
_*🙇🏻♀ सकारात्मक सोच का महत्व! 🙇🏻♂*_
_एक व्यक्ति ऑटो से रेलवे स्टेशन जा रहा था। ऑटो वाला बड़े आराम से ऑटो चला रहा था। एक कार अचानक ही पार्किंग से निकलकर रोड पर आ गई। ऑटो ड्राइवर ने तेजी से ब्रेक लगाया और कार, ऑटो से टकराते-टकराते बची।_
_कार चला रहा आदमी गुस्से में ऑटोवाले को ही भला-बुरा कहने लगा जबकि गलती उसकी थी! ऑटो चालक एक सत्संगी (सकारात्मक विचार सुनने-सुनाने वाला) था। उसने कार वाले की बातों पर गुस्सा नहीं किया और क्षमा माँगते हुए आगे बढ़ गया।_
_ऑटो में बैठे व्यक्ति को कार वाले की हरकत पर गुस्सा आ रहा था और उसने ऑटो वाले से पूछा... तुमने उस कार वाले को बिना कुछ कहे ऐसे ही क्यों जाने दिया।उसने तुम्हें भला-बुरा कहा जबकि गलती तो उसकी थी।_
_*हमारी किस्मत अच्छी है.... नहीं तो उसकी वजह से हम अभी अस्पताल में होते।*_
_ऑटो वाले ने बहोत मार्मिक जवाब दिया...... "साहब,. *बहुत से लोग गार्बेज ट्रक (कूड़े का ट्रक) की तरह होते हैं। वे बहुत सारा कूड़ा अपने दिमाग में भरे हुए चलते हैं।......*_
_जिन चीजों की जीवन में कोई ज़रूरत नहीं होती उनको मेहनत करके जोड़ते रहते हैं जैसे.... क्रोध, घृणा, चिंता, निराशा आदि। जब उनके दिमाग में इनका कूड़ा बहुत अधिक हो जाता है.... तो, वे *अपना बोझ हल्का करने के लिए इसे दूसरों पर फेंकने का मौका ढूँढ़ने लगते हैं।*_
_इसलिए .....मैं ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ और उन्हें दूर से ही मुस्कराकर अलविदा कह देता हूँ। क्योंकि ....अगर उन जैसे लोगों द्वारा गिराया हुआ कूड़ा मैंने स्वीकार कर लिया..... तो, मैं भी कूड़े का ट्रक बन जाऊँगा और अपने साथ-साथ आसपास के लोगों पर भी वह कूड़ा गिराता रहूँगा।_
_मैं सोचता हूँ जिंदगी बहुत ख़ूबसूरत है इसलिए...... जो हमसे अच्छा व्यवहार करते हैं उन्हें धन्यवाद कहो और जो हमसे अच्छा व्यवहार नहीं करते उन्हें मुस्कुराकर भुला दो।_
_*हमें यह याद रखना चाहिए* कि सभी मानसिक रोगी केवल अस्पताल में ही नहीं रहते हैं....... *कुछ हमारे आसपास खुले में भी घूमते रहते हैं!*_
_*प्रकृति के नियम:-*_
_यदि खेत में बीज न डाले जाएँ..... तो, कुदरत उसे घास-फूस से भर देती है।_
_उसी तरह से...... यदि दिमाग में सकारात्मक विचार न भरें जाएँ तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं।_
_*दूसरा नियम है कि*_
_जिसके पास जो होता है वह वही बाँटता है।....... “सुखी” सुख बाँटता है, “दुखी” दुख बाँटता है, “ज्ञानी” ज्ञान बाँटता है," "भ्रमित भ्रम बाँटता है" और.... “भयभीत” भय बाँटता है। जो खुद डरा हुआ है वह, औरों को डराता है, दबा हुआ दबाता है, चमका हुआ चमकाता है।_
_*इसलिए.... नकारात्मक लोगों से दूरी बनाकर खुद को नकारात्मकता से दूर रख्खें। और जीवन में सकारात्मकता अपनाएं जी।
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