Wednesday, 9 May 2018

काश तू सिर्फ़ मेरा होता,

 काश तू सिर्फ़ मेरा होता,

या फिर मिला ही ना होता...
🍃🍁🍃
उनका ज़िक्र, उनकी तमन्ना, उनकी याद,

वक्त कितना कीमती है आज कल...
🍁🍃🍁
देखें क़रीब से भी तो अच्छा दिखाई दे

इक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे
🍁🍃🍁
हमारे ऐब ने बे-ऐब कर दिया हम को

यही हुनर है कि कोई हुनर नहीं आता
🍃🍁🍃

No comments:

Post a Comment

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...