Friday, 2 June 2017

Teri judaee:

हर क़दम पर मैं तेरा बोझ उठाऊँ कैसे

ज़िंदगी तेरी ज़रूरत मुझे ले डूबेगी
🌹🌷
"एक एक कर इतनी कमियां निकाली लोगों ने मुझमें,

की अब बस "खुबियां" ही रह गयी हैं मुझमें...
🌹🌷
बिगड़ी हुई ज़िंदगी को ज़रा सँवार लो
अभी भी वक्त है यारो

अपनों को ज़रा आदर ज़रा प्यार दो
फिर आने वाला वक्त तुम्हारा है
रास्ता रोके हुए कब से खड़ी है दुनिया

न इधर होती है ज़ालिम न उधर होती है
🌷🌹🌷
दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता

तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता
🌹🌷🌹
अजिययात से ताउम्र का दोस्ताना है

खौफ तो बस खुशी के लम्हो से है..
🌷🌹🌷

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