Friday, 9 June 2017

वही सजा है वही सहारा है:

वत्स,  जब बात समझ के बाहर हो तब प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए ।
🌷🌹🌷
बरसों फ़रेब खाते रहे दूसरों से हम,

अपनी समझ में आए बड़ी मुश्किलों से हम.
🌹🌷🌹
ख़ुद भी वो मुझ से बिछड़ कर अधूरा सा हो गया,

मुझ को भी इतने लोगों में तनहा बना दिया...

🌷🌹🌷

वो एक दर्द जो मेरा भी है तुम्हारा भी

वही सज़ा है मगर है वही सहारा भी
🌹🌷🌹
काश कुछ ज़हमत तुम भी उठा लेते

टूटने से ना सही बिखरने से बचा लेते...

🌹🌷🌹

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