Sunday, 4 June 2017

खुश रहने मय्यसर:

जिस को ख़ुश रहने के सामान मयस्सर सब हों

उस को ख़ुश रहना भी आए ये ज़रूरी तो नहीं ...
🌷🌹
भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है

मोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है
🌷🌹🌷
फक़त हौसलों से नही जी जाती दुनिया,

किसी का सहारा भी ज़रूरी होता है |
🌹🌷🌹
तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि काफ़िला क्यूं लुटा

मुझे रहजनों से गरज नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है...
🌷🌹🌷
आँख तुम्हारी मस्त भी है और मस्ती का पैमाना भी

एक छलकते साग़र में मय भी है मय-ख़ाना भी
🥃🍸🥃
बे-ख़ुदी ने मुझे दीदार दिखाया तेरा तुझ को

पाया तो मगर आप को खो कर पाया🌹🌷🌹

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