जिस को ख़ुश रहने के सामान मयस्सर सब हों
उस को ख़ुश रहना भी आए ये ज़रूरी तो नहीं ...
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भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
मोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है
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फक़त हौसलों से नही जी जाती दुनिया,
किसी का सहारा भी ज़रूरी होता है |
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तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि काफ़िला क्यूं लुटा
मुझे रहजनों से गरज नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है...
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आँख तुम्हारी मस्त भी है और मस्ती का पैमाना भी
एक छलकते साग़र में मय भी है मय-ख़ाना भी
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बे-ख़ुदी ने मुझे दीदार दिखाया तेरा तुझ को
पाया तो मगर आप को खो कर पाया🌹🌷🌹
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