फुटपाथ पर सोने वाले हैरान हैं आती-जाती गाड़ियों से
कमबख़्त जिनके घर हैं वो घर क्यों नहीं जाते...
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राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया
दिल बहुत कुछ जला के देख लिया
वो मेरे हो के भी मेरे न हुए
उन को अपना बना के देख लिया
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नर्म अल्फ़ाज़ भली बातें मोहज़्ज़ब लहजे
पहली बारिश ही में ये रंग उतर जाते हैं
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दामन पे कोई छींट न ख़ंजर पे कोई दाग़
तुम क़त्ल करो हो कि करामात करो हो
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