Monday, 14 December 2015

लिखते ही तेरा नाम:

Bansi:

लिखते ही तेरा नाम...
💐🌹💐🌹💐🌹
महक उठते हैं पन्नें.....

Bansi:

जो दरख़्त सूखे ठूंठ नजर आते हैं....

जख्म जरूर वो कुछ गहरे खाते हैं....

Bansi:

अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं,

लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया

Bansi:

फैसला उसका ... मंज़िल उसकी ...

ज़रा सा फिसला तो कहने लगा ...

राय मेरी  थी ..!!

Bansi:

मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है,

प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं

Bansi:

ख़्वाबों में हूँ..
🌹🌹🌹
वहीं रहने दो मुझे..
🌸🌸🌸🌸🌸
हकीक़त हुआ ग़र..
तो तकलीफ़ हो जाऊँगा..।।

Bansi:

हमारी हँसीं अब ना जाने क्यूँ हमको गवारा नहीं,

अपने ही दर्द में हँसू ...मैं इतना भी आवारा नहीं .... !!

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