Bansi:
लिखते ही तेरा नाम...
💐🌹💐🌹💐🌹
महक उठते हैं पन्नें.....
Bansi:
जो दरख़्त सूखे ठूंठ नजर आते हैं....
जख्म जरूर वो कुछ गहरे खाते हैं....
Bansi:
अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं,
लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया
Bansi:
फैसला उसका ... मंज़िल उसकी ...
ज़रा सा फिसला तो कहने लगा ...
राय मेरी थी ..!!
Bansi:
मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है,
प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं
Bansi:
ख़्वाबों में हूँ..
🌹🌹🌹
वहीं रहने दो मुझे..
🌸🌸🌸🌸🌸
हकीक़त हुआ ग़र..
तो तकलीफ़ हो जाऊँगा..।।
Bansi:
हमारी हँसीं अब ना जाने क्यूँ हमको गवारा नहीं,
अपने ही दर्द में हँसू ...मैं इतना भी आवारा नहीं .... !!
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