Wednesday, 16 June 2021

People may hate you for being different and not living by society's standards, but deep down, they wish they had the courage to do the same.

यूँ गलत भी नहीं होती चेहरों की तासीर लेकिन..

लोग वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..

तक़दीर का ये खेल भी कितना अजीब है 
मंज़िल  के पास आ के बहुत दूर हो गये 


वक्त बीत जाने के बाद अहसास होता है कि ..

पापा..हर बात सही बोलते थे....!!



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