[01/06, 9:58 am] Bansi Lal: A fear is another form of an excuse
[01/06, 10:00 am] Bansi Lal: जो कह दिया वह शब्द थे...
जो नहीं कह सके
वह अनुभूति थी...
और
जो कहना है,
फिर भी नहीं कह सकते वह मर्यादा है..
[01/06, 10:03 am] Bansi Lal: बुद्धिमान लोग प्यार नहीं करते।
वे बस प्यार का इस्तेमाल करते है।
[01/06, 10:05 am] Bansi Lal: सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते- जाते,
वरना इतने तो मरासिम थे के आते - जाते.
[01/06, 10:08 am] Bansi Lal: जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है
आपके पीछे तेज़ हवा है आगे मुकद्दर आपका है
उस के क़त्ल पे मैं भी चुप था मेरा नम्बर अब आया
मेरे क़त्ल पे आप भी चुप है अगला नम्बर आपका है...
[01/06, 5:18 pm] Bansi Lal: बिखर जाने की ख्वाइश तो थी हमारी उस फूल पर...
जो उगता तो था मंदिर ही के पास, पर चढ़ावे के वो काबिल न था!
[01/06, 5:22 pm] Bansi Lal: क्यों रोता है उसके जाने से तू क्या तलाश करता है?
जुगनू का इंतज़ार कोई भला चिराग जला के करता है?
[01/06, 5:40 pm] Bansi Lal: I’m learning to love the sound of my feet walking away from things not meant for me.
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