Friday, 4 June 2021

सुलह का ज़रिया हो सकता था हम में झगड़ा हो सकता था जितने वक़्त ख़फ़ा थे उस मेंसोचो क्या-क्या हो सकता था -

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डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

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