[09/02, 6:25 am] Bansi Lal: बातें दो नंबरी रुआब एक नंबर का चाहिए,
ज़रूर इसके लिए बदतमीज होना चाहिए।
[09/02, 6:26 am] Bansi Lal: ग़र काँटे सम्भाल सको तुम,
तो दूँ एक
गुलाब तुम्हें .
[09/02, 6:27 am] Bansi Lal: Expecting rationality is irrational.
[09/02, 6:30 am] Bansi Lal: आपकी क़ालीन देखेंगे किसी दिन,
इस समय तो पाँव कीचड़ में सने हैं।
- दुष्यंत कुमार
[09/02, 6:32 am] Bansi Lal: हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना
[09/02, 6:35 am] Bansi Lal: बात मेरे भरोसे की है
तुम्हारे जाने की नहीं
......
[09/02, 7:42 am] Bansi Lal: बिछ गये फिर खु़द-ब-खु़द रस्तों में कितने ही गुलाब..
जब हमें काँटों पे नंगे पाँव चलना आ गया !!!
[09/02, 7:43 am] Bansi Lal: बहुत देर तक खामोश रही तुम...
बहुत देर तक चुपचाप रहा मैं....
बहुत देर तक गूफ्तगू होती रही...................
[09/02, 7:43 am] Bansi Lal: जब सच नहीं बोला जाता तो लोग वादे कर देते हैं।
[09/02, 7:16 pm] Bansi Lal: हम प्रयास के लिए जिम्मेदार हैं ना कि
परिणाम के
लिए..
अपना प्रयास जारी रखिए, परिणाम
अवश्य बेहतर
होंगे!
[09/02, 7:17 pm] Bansi Lal: दूसरों के लिए सब कुछ करते हुए भी उनसे कुछ पाने की इच्छा न रखते हुए हम मन की शांति सबसे खूबसूरत तोहफा स्वयं को दे सकते हैं
[09/02, 7:18 pm] Bansi Lal: "रिश्ते चन्दन की तरह रखने चाहिए,
टुकड़े हजार भी हो जाएं पर सुगंध ना जाए" ।।
[09/02, 7:20 pm] Bansi Lal: बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी,
उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है
[09/02, 7:20 pm] Bansi Lal: सम्बन्धों की
मधुरता के लिए
संबोधन की
मधुरता अनिवार्य है ..
[09/02, 7:21 pm] Bansi Lal: उम्मीद और भरोसा
कभी गलत नहीं होते,
ये हमारे निर्णय पर
निर्भर करता है कि
हमने किससे उम्मीद की
और किस पर भरोसा.
[09/02, 7:21 pm] Bansi Lal: बुनियादें तो सबकी एक ही होती हैं
शीशमहल की नीव में भी पत्थर निकला
[09/02, 7:22 pm] Bansi Lal: मुश्किलें तो
जिंदा लोगों ही आती है...
बाकी अर्थी को तो
लोग सामने से रास्ता करके देते हैं...
[09/02, 7:25 pm] Bansi Lal: बढ़ती हुईं समझ जीवन को
मौन की तरफ़ लें जाती है...!
[09/02, 7:28 pm] Bansi Lal: जीवन में हम बड़े तो जल्दी हो जाते हैं,
लेकिन समझदार देर से होते हैं.!
No comments:
Post a Comment