Wednesday, 10 March 2021

मजबूरियाँ कहें कि इसे सादगी कहें

[06/02, 8:03 pm] Bansi Lal: मजबूरियाँ   कहें    कि    इसे   सादगी   कहें 

जिस ने भी हँस के बात की हम साथ हो लिए
[06/02, 8:04 pm] Bansi Lal: एक दिन में कुछ नहीं बदलता, 

लेकिन एक दिन ज़रूर बदल जाता है।
[06/02, 8:09 pm] Bansi Lal: वक़्त निकाल कर बात करने में 

और खाली वक़्त में बात करने में ... बहुत फर्क होता है
[06/02, 8:26 pm] Bansi Lal: Once you’ve accepted  your flaws, 
no one can use them against you.
[06/02, 8:27 pm] Bansi Lal: डर मुझे भी लगा फ़ासला देखकर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर,
ख़ुद ब ख़ुद मेरे नज़दीक आती गई, 
मेरी मंज़िल मेरा हौसला देख कर...
[06/02, 8:29 pm] Bansi Lal: फिसले जो इस जगह तो लुढ़कते चले गए,
हमको पता नहीं था कि इतना ढलान है।
[06/02, 8:29 pm] Bansi Lal: जिन्दगी नहीं तुम ,

उसको जीने की वजह हो !
[06/02, 8:30 pm] Bansi Lal: Respect and Trust: The two easiest things in life for someone to lose and the hardest things to get back.
[07/02, 8:05 am] Bansi Lal: उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए 

कि नींद  शर्त नहीं ख़्वाब देखने  के  लिए....!!

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