Sunday, 19 March 2017

कागज़ पे आदलत चलती है:

"आपसे भूल हो जाए तो उसे स्वीकार करें और तुरंत ठीक करने में जुट जाएँ। "
🌺🙏🏻🌺
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे

जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
🌺🙏🏻🌺
शाम चली आती है ख़्वाहिशों का
आधा खाली प्याला लिये

इन ख़्वाहिशों की प्यास बुझती नहीं
प्याला कभी भरता ही नहीं
🙏🏻🌺🙏🏻
है चूर चूर बदन और शिकन शिकन बिस्तर,

शब-ऐ-विसाल का रंज-ऐ-हिसाब छोड़ गया
🙏🏻🌺🙏🏻
किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी मेरी रब ने....

बस वही पन्ना गुम था जिसमें तेरा ज़िक्र था....
💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐
कभी कभी समय की गति की वजह से हमें पता ही नहीं चलता है

कि कब हम अपनो से दूर हो गये
🙏🏻💐💐💐🙏🏻
एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक़्सर,

के मैंने दिल लगाया था या ज़िन्दगी दाव पर
🙏🏻💐💐💐🙏🏻
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है..

हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
🙏🏻💐💐💐🙏🏻

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