Sunday, 12 March 2017

लम्हें अपने आप मिलते हैं:

चुप रहना ही बेहतर है, जमाने के हिसाब से...
धोखा खा जाते है, अक्सर ज्यादा बोलने वाले !!

"आरजू" होनी चाहिए किसी को याद करने की ।

"लम्हे" तो अपने आप मिल जाते है।।
🌺🙏🏻🌺
हमने सोचा के दो चार दिन की बात होगी लेकिन .

तेरे ग़म से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया .
🌺🙏🏻🌺
किसी ख़ंज़र किसी तलवार को तक़्लीफ़ न दो,

मरने वाला तो फ़क़त बात से मर जाएगा.....
🙏🏻🌺🙏🏻

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