Tuesday, 11 October 2016

रावण:

रावण केवल दानव ही नहीं बहुत बड़ा शिवभक्त और ज्ञानी भी था। आज जगह-जगह रावण का पुतला फूंका जायेगा क्योंकि रावण बुरा राक्षस था, उसने धोखे से पराई नारी का अपहरण किया था।

रावण को रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने भी भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त लिखा है। रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ बहु-विद्याओं का जानकार था। रावण को मायावी कहा जाता था क्योंकि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था। रावण बहुत बड़ा पंडित था और इसी कारण भगवान राम ने उससे विजय यज्ञ करवाया था। भगवान शिव ने खुद कहा था कि रावण बहुत बड़ा शिवभक्त है, उसकी भक्ति पर भगवान राम को भी शक नहीं था। आयुर्वेद, तंत्र और ज्योतिष का ज्ञाता रावण वैज्ञानिक भी था। इंद्रजाल जैसी अथर्ववेदमूलक विद्या का रावण ने ही अनुसंधान किया। रावण बहुत बड़ा और अच्छा राजा था, उसकी सोने की लंका में उसके राज्य वाले बहुत ज्यादा खुश रहते थे। इसी कारण भगवान राम ने लक्ष्मण को भेजा था उसके पास राजनीति के टिप्स लेने को। यही नहीं उसकी सोने की लंका में किसी को कोई भी कष्ट नहीं थी, उसकी प्रजा उससे खुश और संतुष्ट थी। कई शास्त्रों का रचयिता रावण रावण ने तांडव स्तोत्र, अंक प्रकाश, इंद्रजाल, कुमारतंत्र, प्राकृत कामधेनु, प्राकृत लंकेश्वर, ऋग्वेद भाष्य, रावणीयम, नाड़ी परीक्षा आदि पुस्तकों की रचना की थी। पौराणिक ग्रंथों में वर्णन भी है कि रावण को कई भाषाओं का ज्ञान भी था।
बहन सूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए रावण ने सीताहरण किया था। उसने कहा था कि वो भाई धर्म निभा रहा है। उसने वो ही किया जो एक भाई को करना चाहिए अपनी बहन की रक्षा के लिए हर भाई प्रतिबद्ध होता है और रावण ने भी वो ही किया, ये और बात है कि उसका तरीका गलत था। रावण ने माता सीता का हरण जरूर किया था लेकिन उसने कभी भी अपने पौरूष का गलत फायदा नहीं उठाया, उन्होंने दो साल तक माता सीता को बंदी बनाये रखा लेकिन कभी भी माता सीता को हाथ नहीं लगाया, उसने हमेशा कहा कि सीता खुद उसके पास आए, तभी वो उसे अपनी पत्नी बनाएगा।

रावण के अंदर इतने गुण होने के बावजूद उसका परायी नारी को हर लाना और उसका अहंकार ही उसके पतन का कारण बना। हमे भी इससे सीख लेकर आज के दिन अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करने का प्रण लेना चाहिए तभी सही मायनों में हमारा जन्म सफल होगा।

सुख, शांन्ति एवं समृध्दि की मंगलकामनाओं के साथ आपको सपरिवार  बुराई पर अच्छाई की जीत विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

No comments:

Post a Comment

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...