Sunday, 16 October 2016

मुक्कमल खड़े हैं:


दुनिया में वही शख़्स है ताज़ीम के क़ाबिल
जिस शख़्स ने हालात का रुख़ मोड़ दिया हो

हर रोज गिरकर भी,
मुक्कमल खड़े हैं...
ए जिंदगी देख,
मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं !!

"गाहे गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है 'अमीर'
क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना"

जब अल्फाज पन्नो पे शोर करने लगे
समझ लेना सन्नाटे बढ गये है अंदर....

दानिस्ता हम ने अपने सभी ग़म छुपा लिए
पूछा किसी ने हाल तो बस मुस्कुरा दिए

फ़क़ीर समझते रहे हम खुद को ज़माने से उफ्फ !
एक निगाह की जादूगरी !!!!!!
उस एक नज़र ने हमें मालामाल कर दिया !

To understand everything is to forgive everything ~ Buddha

What we make of life depends on our day-to-day choice.

जब जीत निश्चित हो तो हर कोई लड़ सकता हैं...
मुझे तो कोई ऐसा व्यक्ति दिखाओ जो हार निश्चित होने पर भी लड़ने का साहस रखता हो....
जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती हैं...
औरो के कंधो पर सिर्फ जनाजे उठा करते हैं …

हमने रोती आँखों को हँसाया है हमेशा,
इससे बेहतर इबादत तो होगी नहीं मुझसे...

“It’s your attitude and not your aptitude that determines your altitude.”

“Happiness is the absence of the striving for happiness.”

“The empires of the future are empires of the mind.”

"आप जो हैं वह बनें और जो सोचे वह कहें क्योंकि जो आपत्ति करते हैं वे महत्त्व नहीं रखते और जो महत्त्व रखते हैं वे आपत्ति नहीं करते।"

पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर
वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें

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