अब टूट गया दिल तो
बवाल क्या करें,,
खुद ही किया था पंसद तो
सवाल क्या करें...!!
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूं
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूं
: मोहब्बत के रास्ते पे इतराते चलते गए,
अब लौटना है,रास्ता तो देखा ही नहीं मैंने।।
वो सज़ा देके दूर जा बैठे
किससे
पूछूँ मेरी खता
क्या है ....!!
कहते कुछ है,गुजरता दिल पे कुछ और है
जिंदगी मेरी बस यूँ ही कहने-सहने में गुजर रही है !!
एहसास की सब बंदिशें भी तो तुमसे ही हैं...
ना तुम ख्वाहिश होते ना हम तुम्हें लिखते ...!!
आप कहते थे कि रोने से न बदलेंगे नसीब
उम्र भर आप की इस बात ने रोने न दिया
आग भी कया चीज है..
बातों से भी लग जाती है....
विश्वास रखें साहब,
सिकंदर भी भारत में ही हारा था !!
बहुत पसंद है मुझे वो लोग जो मेरे कुछ नही लगते ..
पर मेरे अपनो से ज़्यादा मेरी परवाह करते है
अच्छा हुआ अकेले रहने की आदत हो गई थी
वरना न जाने क्या होता इन दिनों...!!!
सिर्फ तेरे ख्याल भर से
फिजा का रंगीन हो जाना...
महज ये इत्तफाक नहीं है
सबूत - ए - इश्क है ये...
ज़िंदगी जैसे..
खोई खोई है..
हैरां हैरां है...
नफ़रत करने से बढ़ जाती है एहमियत किसी की
क्यों ना माफ करके उनको शर्मिंदा कर दिया जाए
गुस्से का आना, मर्द होने की निशानी है..
मगर..
गुस्से को पी जाना पति होने की निशानी है।
गुनाहों से हर कोई भर गया था......!!
तभी आज कोई चेहरा दिखाने के काबिल नहीं है......!!!!