Thursday, 17 January 2019

रौशनी अब राह से भटका भी देती है मियाँ


रौशनी अब राह से भटका भी देती है मियाँ
उस की आँखों की चमक ने मुझ को बे-घर कर दिया
शायद के ये ज़माना उन्हें पूजने लगे ....
कुछ लोग इस ख़याल से पत्थर हो गए ||

गुरु वही श्रेष्ठ होता है जिसकी प्रेरणा से
      किसी का चरित्र बदल जाये
                और..
मित्र वही श्रेष्ठ होता है
      जिसकी संगत से रंगत बदल जाए
हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने, 
एक ख़्वाब हैं जहां में बिखर जाए हम तो क्या
आने में सदा देर लगाते ही रहे तुम
जाते रहे हम जान से आते ही रहे तुम
तुम इस ख़मोश तबीअत पे तंज़ मत करना..
वो सोचता है बहुत और बोलता कम है..!!
ग़ुरूर उस पे बहुत सजता है मगर कह दो
इसी में उस का भला है ग़ुरूर कम कर दे

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