Thursday, 3 January 2019

रौशनी अब राह से भटका भी देती है मियाँ

रौशनी अब राह से भटका भी देती है मियाँ
उस की आँखों की चमक ने मुझ को बे-घर कर दिया

शायद के ये ज़माना उन्हें पूजने लगे ....
कुछ लोग इस ख़याल से पत्थर हो गए ||


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