Thursday, 1 February 2018

Jindgi:


*गुजरी हुई जिंदगी को*
                     *कभी याद ना कर*
*तकदीर में जो लिखा है*
                      *उसकी फरियाद ना कर* *जो होगा वो होकर रहेगा*
   *तु कल की फिकर में*
                        *अपनी आज की हंसी बर्बाद ना कर.*
*हंस मरते हुए भी गाता है और*
                    *मोर नाचते हुए भी रोता है.*
    *ये जिंदगी का फंडा है*
*दुखो वाली रात नींद नहीं आती*
            *" और " खुशी वाली रात कौन सोता है*
    

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