Saturday, 6 January 2018

Khyal:

एक परवाह ही बताती है कि ख्याल कितना है

वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तों में।
💐🌹💐
शुक्र है परिंदो को नहीं पता कि उनका मज़हब क्या है...

वरना रोज़ आसमान से खून की बारीश होती...
💐🌹💐
अपने कारनामों की शोहरत उसे मंज़ूर न थी,

उस ने किरदार बदल कर मेरा क़िस्सा लिख्खा!

🌹💐🌹
कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो

उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं।
💐🌹💐
होश में आऊँ तो सोचूँ अभी देखा क्या है

फिर ये पूछूँ कि ये पर्दा है तो जल्वा क्या है
💐🌹💐

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