Saturday, 20 April 2019

नज़रअंदाज़:

“In business as in life, you don’t get what you deserve, you get what you negotiate.” Chester L Karrass

मुझे नजरअंदाज करना है
  तो शिद्दत से करना,
  कहीं नजर मिल गई
तो अंदाज बदल जाएंगे!!!

कुछ तअल्लुक़ भी नहीं रस्म-ए-जहाँ से आगे
उस से रिश्ता भी रहा वहम ओ गुमाँ से आगे

दयार-ए-इश्क़ की शमएँ जला तो सकते हैं,
ख़ुशी मिले न मिले मुस्कुरा तो सकते हैं

अब क्या बताएँ टूटे हैं कितने कहाँ से हम
ख़ुद को समेटते हैं यहाँ से वहाँ से हम https:

मुझसे खुलेआम दुश्मनी कर लेना
पर दिखावे की दोस्ती मत करना

बेहतर दिनों की आस लगाते हुए 'हबीब'
हम बेहतरीन दिन भी गँवाते चले गए

*कहीं पर गम कहीं सरगम ये कुदरत के ही तो नज़ारे हैं*
*प्यासे तो वो भी रह जाते हैं जिनके घर दरिया किनारे हैं*
[4/17, 7:18 PM] Bansi Lal: ना जाने कौन सी दौलत है तेरे लहजे में
बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो

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