बातें अक्सर होती है हम दोनों के बीच
मगर किसी तीसरे की.....
मुद्दतें हो गई हैं चुप रहते,
कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते...
हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं
ज़ाया ना कर अपने अल्फ़ाज़ हर किसी के लिये....
बस ख़ामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है....
सफर के साथी है सब,
अपनी अपनी मंजिल पे बिछड़ जाने हैं सभी
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