Tuesday, 23 October 2018

कुछ नहीं अच्छा तो दुनिया में बुरा भी कुछ नहीं


फासलों को ही जुदाई ना समझ लेना तुम,
थाम कर हाथ यहाँ लोग जुदा बैठे हैं…
🌸🌹🌸

ख़्वाहिशों कुछ कुछ यूँ भी अधूरी रही,
पहले उम्र नहीं थी अब उम्र नहीं रही...
💐🙏🏻💐

आपने मुझको डुबोया है किसी और जगह..
इतनी गहराई कहाँ होती है दरियाओं में !
💐🙏🏻💐

लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो,
ऐसे दरिया का कभी रुख नहीं मोड़ा करते
💐🙏🏻💐

खींचती है मुझे कोई कशिश उसकी तरफ;
वरना मैं कई बार मिला हूँ आखरी बार उससे...
💐🙏🏻💐🙏🏻💐

हम जुदा हो गए आग़ाज़-ए-सफ़र से पहले
जाने किस सम्त हमें राह-ए-वफ़ा ले जाती
💐🙏🏻💐

परेशाँ होने वालों को सुकूँ कुछ मिल भी जाता है
परेशाँ करने वालों की परेशानी नहीं जाती
💐🌹💐

सफ़र-ए-ज़िंदगी में जब कोई मुश्किल मक़ाम आया,
ना ग़ैरों ने तवज्जो दी ना अपना कोई काम आया...
💐🌹💐🌹

वो अनपढ था फिर भी उसने पढे-लिखे लोगों से कहा,
इक तस्वीर, कई खत भी है, साहब आपकी रद्दी में
🌹💐🌹💐🌹

फिर उस के बाद ज़माने ने मुझ को रौंद दिया,
मैं गिर पड़ा था किसी और को उठाते हुए...
💐🌹💐🌹

ये ना पूछना ज़िन्दगी ख़ुशी कब देती है.
क्योंकि शिकायते तो उन्हें भी है जिन्हें ज़िन्दगी सब देती है.
🌹💐🌹💐🌹

किसीको एसे ही खुद से अलग न करों
बिछड़े हुए चंद सूखे पत्ते पूरा जंगल जला देते है!”
💐🌸💐🌸💐🌸

किरदार को अपने यूँ न बयाँ करो खुल कर
ये शरीफ़ों का शहर है अदाकारी जरूरी है
💐🌸💐🌸💐🌸💐

किरदार को अपने यूँ न बयाँ करो खुल कर
ये शरीफ़ों का शहर है अदाकारी जरूरी है
🌸🌹🌸🌹

तलब हो या ताल्लुक़...हमेशा गहरा होना चाहिए! 
🌸💐🌸💐🌸

ख़ुशियों का सूरज चमकाकर अंधियारों का ज़ोर घटाओ
दिल के अन्दर जो रावण है, उस रावण में आग लगाओ
💐💐💐💐💐💐💐


राम  तुम्हारे  युग का रावण अच्छा था
दस के दस चेहरे सब बाहर रखता था

अच्छाई की बुराई पर जीत के पर्व की बधाई।
💐💐💐💐💐💐💐
बात से बात की गहराई चली जाती है,
झूट आ जाए तो सच्चाई चली जाती है 
🌸🌹🌸🌹🌸🌹🌸

तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता..
पता नहीं.. वजह तेरी ख़ूबी है या मेरी कमी...  
🌹💐🌹💐🌹💐🌹

अनजान सफर है और बडी मुश्किल हैं राहें,
जो दूर तक साथ दे उन्हें ढूंढती हैं निगाहें।....
🍁🥀🍁🥀🍁🥀

ख़त ऐसा लिखा है के नगीने जड़े हैं
वो हाथ के जिसने कभी ज़ेवर नहीं देखा
🍃🍂🍃

कुछ नहीं अच्छा तो दुनिया में बुरा भी कुछ नहीं
कीजिए सब कुछ मगर अपनी ज़रूरत देख कर
🍂🍁🍂🍁

" ख़ामोशी छुपा देती है ऐब और हुनर दोनों 
शख्सियत का अंदाज़ा तो गुफ्तगू से होता है "
🍂🥀🍂🥀

चमन में रखते हैं काँटे भी इक मक़ाम ऐ दोस्त 
फ़क़त गुलों से ही गुलशन की आबरू तो नहीं 
🌹🍃🌹🍃

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