Thursday, 15 November 2018

फ़रिश्तों से भी अच्छा मैं बुरा होने से पहले था


फ़रिश्तों  से  भी  अच्छा  मैं  बुरा  होने  से  पहले  था  ,

 वो  मुझ  से  इंतिहाई  ख़ुश  ख़फ़ा  होने  से  पहले  था  ,
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 परिंदे शुक्रगुजार हैं पतझड़ के भी दोस्तो......

तिनके कहां से लाते, अगर सदा बहार रहती..!!
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ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर दूर जाने की बहुत 

शौक़ लेकिन दिल में वापस लौट कर आने का था 
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Successful people are always looking for opportunities to help others. Unsuccessful people are always asking, What's in it for me? - Brian Tracy
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एक शख़्स देखा है मैंने आइने में,

ख़फ़ा दुनिया से है कलाम ख़ुद से नहीं करता 
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यही तय जानकर कूदो, उसूलों की लड़ाई में,

कि रातें कुछ न बोलेंगी ,चिरागों की सफाई में
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 हर नजर में मुमकिन नहीं है बेगुनाह रहना,,

वादा ये करें की खुद की नजर में बेदाग रहें!!
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जितनी मुझे तुमसे मोहब्बत है,

जिंदगी उस हिसाब से कम है !!
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फ़लक तक क्यों नही कोई इशारा जा रहा है,

वो सुनता क्यों नही जिसको पुकारा जा रहा है...
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मैं तो ख़ामोश था ठहरे हुये पानी की तरह,

मुज़तरिब(बेचैन) कर गये फेंके हुये कंकर उसके
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चेहरा पढ़ कर देखोगे तो जानोगे
ख़ामोशी का क्या क्या मतलब होता है
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वो लोग अपने आप में कितने अज़ीम थे

जो अपने दुश्मनों से भी नफ़रत न कर सके
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एक मुद्दत उसे देखा उसे चाहा लेकिन,

वो कभी पास से गुज़रा तो बुलाया न गया...
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 वो एक ख़त जो उसने कभी लिखा ही नहीं,

मैं रोज़ बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ...
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ठोकरें खा के सँभलना नहीं आता है मुझे

चल मेंरे साथ कि चलना नहीं आता है मुझे

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कभी कभी वो हमें बे-सबब भी मिलता है

असर हुआ नहीं उस पर अभी ज़माने का
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इतनी सारी यादों के होते भी जब दिल में

वीरानी होती है तो हैरानी होती है
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 इक ज़िंदगी-गज़ीदा से ये दुश्मनी न कर 
ऐ दोस्त मुझ को उम्र-ए-अबद की दुआ न दे

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सीख दुनिया ही में ज़ाहिद हूर से मिलने का ढ़ंग,

वरना रोयेगा कि जन्नत में भी रुसवाई हुयी...
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इश्क-ऐ-दरिया में हम डूब कर भी देख आये, 

वो लोग मुनाफे में रहे जो किनारे से लौट आये !!
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"जिसकी कामयाबी रोकी नहीं जा सकती,

उसकी बदनामी शुरू की जाती है !!" 
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वफ़ा तुम से करेंगे, दुख सहेंगे, नाज़ उठाएँगे

जिसे आता है दिल देना उसे हर काम आता है
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मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ 
तकल्लुफ़ से, बनावट से, अदा से चोट लगती है 
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दिखाई कम दिया करते हैं, बुनियाद के पत्थर..!

ज़मीं में जो दब गये, इमारत उन्हीं पे क़ायम है..!!

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मसला तो सिर्फ एहसासों का है, जनाब,

रिश्ते तो बिना मिले भी सदियां गुजार देते हैं।
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वो मेरी चाह का वैसे भी तलबगार न था

फिर मेरे दिल ने सँभलने में भी उजलत की है
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जिस को भी चाहा उसे शिद्दत से चाहा है फ़राज़,

सिलसिला टूटा नहीं है दर्द की ज़ंजीर का...
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काँटों को मत निकाल चमन से ओ बाग़बाँ 

ये भी गुलों के साथ पले हैं बहार में
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पैरों में लगे काँटे ने बताया कि

इस गली में ज़रूर कोई गुलाब है
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Instead of wanting more, give thanks for the blessings you already have.
 - The Dalai Lama
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दीवारें खड़ी हुई हैं लेकिन,

अंदर से मकान गिर रहा है
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महफूज़ रख अपने दिल के जज़्बातों को

इस दुनिया को क़दर नही अरमानो की !!
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अकेले चलना सीख लो जरूरी नहीं

जो आज तुम्हारे साथ है
वो कल भी तुम्हारे साथ रहे
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लंबी ज़ुबान और लंबा धागा हमेशा उलझ ही जाते हैं. 
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दिल की उजड़ी हुई हालत पे न जाए कोई

शहर आबाद हुए हैं इसी वीराने से
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 You are successful because of 
your can-do attitude, 
contagious enthusiasm, 
boundless optimism, 
a courageous heart,
your phenomenal perseverance,
because you are you!
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“क़ीमती था वो इतना,
कि जाने ना दिया उसे खो कर भी।”
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Let’s put away the crackers and celebrate the true essence of Diwali this year with lights that banish darkness, mithai that sweetens relationships and love for world around us.

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मैं कुछ न कहूँ और ये चाहूँ कि मेरी बात
ख़ुशबू की तरह उड़ के तेरे दिल में उतर जाए

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अब्र है, गुलज़ार है, मय है, ख़ुशी का दौर है
आज तो डूबे हुए दिल को उछलने दीजिए
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जरा तमीज़ से बटोरना, बुझे_दियों को दोस्तों...

इन्होने ..दीवाली की अन्धेरी रात मे हमे रौशनी दी थी... 
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खुश नसीब  होती हैं  वो बहन जिसके  सर पर भाई का  हाथ  होता है 
लडना झगडना  फिर  मनाना  तभी  तो इस  रिश्ते में  प्यार  होता है हर  परेशानी में  भाई  हमेशा  साथ होता है 

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रोटी कमाना कोइ बड़ी बात नहीं है,

लेकिन परिवार के साथ रोटी खाना बड़ी बात है !!
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 एक नफरत है जिसको पल भर में महसूस कर लिया जाता है
                और
एक प्रेम है जिसका यकीन दिलाने के लिए सारी जिंदगी भी कम पड़ जाती है
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मुद्दतों के बाद उस लापरवाह ने....
हाल पूछ कर फिर वही हाल कर दिया...!!
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वो सोचते थे , हम मुस्कुराए क्यों 
उनकी इसी सोच पर , हम मुस्कुराते रहे
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जब सँभल कर क़दम उठाता हूँ
कोई ठोकर ज़रूर खाता हूँ
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एक आईने की दुकान की दीवार पर लिखा था-
"तेरी पहचान ही न खो जाए कहीं...
इतने चेहरे न बदल थोडी सी शोहरत के लिए..!"
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गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह
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लाजिमी नहीं की तुझे आँखों से देखूं,
तुझे सोचना तेरे दीदार से कम नहीं....
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तेरे साथ का मतलब जो भी हो 
तेरे बगैर मतलब ..कुछ भी नहीं.....
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 एक ज़रा सी भूल पे हम को इतना तू बदनाम न कर

हम ने अपने घाव छुपा कर तेरे काज सँवारे हैं
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ये नशे की आदत 
       तेरी आँखों ने लगाई हैं

बरना कभी हम भी 
        होश  में जिया करते थे..!! 
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रिश्तों को शब्दों का , मोहताज  ना बनाइये ..

 अगर अपना कोई खामोश हैं तो खुद ही आवाज लगाइये ..
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 नाराजगी चाहे कितनी भी हो आपसे,,

मगर आपको छोड़ देने का ख्याल आज भी हम नही रखते।।
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शह-ज़ोर अपने ज़ोर में गिरता है मिस्ल-ए-बर्क़

वो तिफ़्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले
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"#जिंदगी" मिली तो, निभाने में लग गए
किस्मत रूठी को, मनाने में लग गए

आग #अगर फैली, समाज को जलाने
दामन हम अपना, बचाने में लग गए

 बात कोई सच्ची #अगर, रास न आई
अफवाहें झूठी, उड़ानें में लग गए

हर किसी से जीतने  की, आंधी में
बीना कारण ही खुद को, #थकाने में लग गए.
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 ख्वाहिश सबकी है, कि रिश्ते सुधारें,पर...

चाहत सबकी ये है, कि शुरुआत उधर से हो...।
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