अब तो ख़ुद अपनी ज़रूरत भी नहीं है हम को,
वो भी दिन थे कि कभी तेरी ज़रूरत हम थे
“Good decisions come from experience,and experience comes from bad decisions.”
उस ने हमारे ज़ख़्म का कुछ यूँ किया इलाज
“Good decisions come from experience,and experience comes from bad decisions.”
उस ने हमारे ज़ख़्म का कुछ यूँ किया इलाज
मरहम भी गर लगाया तो काँटों की नोक से
कुछ इस अदा से कि कोई चराग़ भी न बुझे
कुछ इस अदा से कि कोई चराग़ भी न बुझे
हवा की तरह गुज़र जाना चाहते हैं हम
मैं तमाम दिन का थका हुआ तू तमाम शब का जगा हुआ,
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ
तुझे कौन जानता था मेरी दोस्ती से पहले
तुझे कौन जानता था मेरी दोस्ती से पहले
तेरा हुस्न कुछ नहीं था मेरी शाइरी से पहले
वही टूटी हुई कश्ती है अपनी
वही ठहरा हुआ दरिया हमारा
वही टूटी हुई कश्ती है अपनी
वही ठहरा हुआ दरिया हमारा
किसी जानिब नहीं खुलते दरीचे
कहीं जाता नहीं रस्ता हमारा
रह-ए-हयात में लाखों थे हम-सफ़र
कहीं जाता नहीं रस्ता हमारा
रह-ए-हयात में लाखों थे हम-सफ़र
किसी को याद रखा और किसी को भूल गए
क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं
क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं
वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं
हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं
हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं
तुम्हारे देखने वालों में यार हम भी हैं
चुप-चाप सुलगता है दिया तुम भी तो देखो
चुप-चाप सुलगता है दिया तुम भी तो देखो
किस दर्द को कहते हैं वफ़ा तुम भी तो देखो
चले गए तो पुकारेगी हर सदा हम को
चले गए तो पुकारेगी हर सदा हम को
न जाने कितनी ज़बानों से हम बयाँ होंगे
तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी
तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी
कुछ अपना हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो
हमें तो ख़ैर कोई दूसरा अच्छा नहीं लगता
हमें तो ख़ैर कोई दूसरा अच्छा नहीं लगता
उन्हें ख़ुद भी कोई अपने सिवा अच्छा नहीं लगता
बरसों की रस्मो-राह थी, इक रोज़ उसने तोड़ दी,
बरसों की रस्मो-राह थी, इक रोज़ उसने तोड़ दी,
होशयार हम भी कम न थे, उम्मीद हम ने छोड़ दी
कई जवाबों से अच्छी है ख़ामुशी मेरी
कई जवाबों से अच्छी है ख़ामुशी मेरी
न जाने कितने सवालों की आबरू रक्खे
आँख से आँख मिलाता है कोई
आँख से आँख मिलाता है कोई
दिल को खींचे लिए जाता है कोई
यूँ तो ज़िंदगी इतनी बुरी भी ना थी...
यूँ तो ज़िंदगी इतनी बुरी भी ना थी...
बस हम ही इसे आसां समझने की भूल कर बैठे....
खेल ज़िंदगी के तुम खेलते रहो यारो
खेल ज़िंदगी के तुम खेलते रहो यारो
हार जीत कोई भी आख़िरी नहीं होती
जाने किस बात से दुखा है बहुत
जाने किस बात से दुखा है बहुत
दिल कई रोज़ से ख़फ़ा है बहुत
हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है
हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है
वज्ह कोई मजबूरी भी हो सकती है
न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है
न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है
ये दुनिया है इसे तो कुछ न कुछ होने से मतलब है
किरदार देखना है तो सूरत न देखिए
किरदार देखना है तो सूरत न देखिए
मिलता नहीं ज़मीं का पता आसमान से
लफ़्ज़-ओ-मंज़र में मानी को टटोला न करो
लफ़्ज़-ओ-मंज़र में मानी को टटोला न करो
होश वाले हो तो हर बात को समझा न करो
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