ज़िंदगी एक फ़न है
लम्हों को अपने अंदाज़ से गँवाने का 🌹🌺🌹
बाज़ार बड़ा मंदा है साहब...
ख़ुशी की किल्लत है और
ग़म कोई ख़रीद नहीं रहा...
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*एक परवाह ही बताती है कि ख़्याल कितना है.*
*वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तो में.*
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वो एक दिन जो तुझे सोचने में गुज़रा था
तमाम उम्र उसी दिन की तर्जुमानी है
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ना अनपढ़ रहा, ना काबिल हुआ..
खामखां ए जिंदगी, तेरे स्कूल में दाखिल हुआ
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ख़ुदा को इतना चाहूँ तो ख़ुदा हो जाएगा राज़ी
मगर वो और भी मग़रूर हो जाए तो क्या कीजे
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मैं ज़मी पर ही था, मुझे गिरने का ग़म नही,
उनका भी हाल पूंछ लो आसमां में थे ,,
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